Dev Diwali: Dev Diwali Kya Hai Aur Kyon Manaee Jaatee Hai?

दिवाली हिंदुओं के एक प्रमुख त्योहार है जो पूरे भारत में उत्साह से मनाया जाता है। यह त्योहार दीपों की रोशनी, पटाखों की धूम, नए कपड़ों का पहना जाना, मिठाइयों का खाना और धन लाभ की कामना के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि दिवाली के बाद एक और त्योहार है जिसे 'देव दिवाली' कहा जाता है? इस लेख में हम जानेंगे कि देव दिवाली क्या है, क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है।

Dev Diwali: Dev Diwali Kya Hai Aur Kyon Manaee Jaatee Hai?

    Dev Diwali: Dev Diwali Kya Hai Aur Kyon Manaee Jaatee Hai? | देव दिवाली क्या है और क्यों मनाई जाती है?

     इस लेख में हम जानेंगे कि देव दिवाली क्या है, क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है।

    देव दीवाली क्या है ?


    देव दिवाली को गंगा महोत्सव भी कहा जाता है और यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पूरे भारतवर्ष में कई स्थानों पर धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है और इस दिन चंदनी चौक में गंगाजी के किनारे श्राद्ध मेले का आयोजन किया जाता है।


    देव दिवाली का कहानी और महत्व


    देव दिवाली का महत्व गंगा नदी की उन्नति और पवित्रता के साथ जुड़ा हुआ है। इस दिन मान्यतानुसार देवताओं ने गंगा नदी में अपने आस्थान स्थापना किया था और इसलिए इसे देव दिवाली माना जाता है। लोग इस दिन गंगा नदी में स्नान कर अपने पितृदेवों के श्राद्ध करने के लिए प्रयाग जाते हैं। इसे भी समर्पित किया जाता है।


    भारतीय संस्कृति में गंगा नदी को माँ माना जाता है और इसमें नहाने से जीवन की सभी कठिनाइयों का समाप्त होता है। इसलिए हर साल लाखों लोग गंगा स्नान करने के लिए प्रयाग जाते हैं और अपने जीवन को धार्मिक और मानसिक दृष्टि से पवित्र करते हैं।


    कैसे मनाते हैं लोग देव दिवाली?


    देव दिवाली के दिन लोग गंगा नदी के किनारे जाकर धूप दिया जलाते हैं, पुष्पादि जल का अर्पण करते हैं और भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। इसके बाद वे गंगा स्नान करते हैं और पितृदेवों के श्राद्ध करते हैं। इसके साथ ही अंगिता तात्या, श्री नद-योगी आनंदघन आदि के श्राद्ध मेले भी आयोजित होते हैं जिनमें लाखों लोग भाग लेते हैं।


    इस दिन पूर्वोत्तर भारत और भारतवर्ष के अन्य स्थानों पर भी देव दिवाली का खूब जोश-ओ-खुशी से मनाया जाता है। विशेषतः वाराणसी, पटना, प्रयाग आदि इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं और लोग गंगा के तट पर समाहित होते हैं।


    अभिनव आधुनिकता में देव दिवाली


    आधुनिक समय में भी देव दिवाली का महत्व बरकरार है। लोग अब भी इस त्योहार को खास ध्यान देते हैं और गंगा स्नान करने के साथ-साथ पूरे परिवार के साथ भगवान की पूजा करते हैं। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में अद्वितीय स्‍थान रखता है और उसके महत्व की गहराई तक पहुंचे उसके लोग इसे मनाते हैं।


    सामाजिक प्रभाव


    देव दिवाली का महत्व भारतीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस त्योहार के माध्यम से लोग अपने धार्मिक और आध्यात्मिक संस्कृति को बनाए रखते हैं और अपने पितृदेवों की आत्मा को सन्मानित करते हैं। यह त्योहार एक अद्वितीय माहोल और उत्साह का संगम है जो समाज में ईमानदारी, समर्पण और समरसता की भावना को प्रोत्साहित करता है।


    निष्कर्ष


    देव दिवाली उत्सव एक अद्वितीय और पावन त्योहार है जो गंगा नदी की पवित्रता और महिमा को मानने का संदेश देता है। इस दिन गंगा स्नान करने वाले और अपने पितृदेवों की पूजा अर्चना करने वाले लोगों को ईश्वर की कृपा से आशीर्वाद और सुख-शांति प्राप्त होती है। इस त्योहार का पालन करके लोग अपने जीवन को धार्मिकता से भरपूर बनाए रखते हैं और एक अद्वितीय और साधारण जीवन व्यापी संवाद बनाते हैं।


    इसी तरह, देव दिवाली का महत्व और महिमा कभी कम होने वाला नहीं है और लोग इसे हमेशा सम्मान और पूर्वाग्रणी भावना के साथ मनाते रहेंगे।




                         Easy and Beautiful Rangoli Designs for Diwali

                          Celebrate Diwali Without Crackers

    FAQs 

    Q: देव दीपावली कैसे मनाते हैं?

    A: लोग घरों में दीपों की रखवाली करते हैं, देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और मनाते हैं।

    Q: दिवाली और देव दिवाली में क्या अंतर है?

    A: दिवाली अमावस्या को मनाई जाती है जबकि देव दीपावली पूर्णिमा पर मनाई जाती है।

    Q: देव दीपावली की पूजा कैसे की जाती है?

    A: देवी-देवताओं की मूर्तियों की पूजा करके, चावल, पुष्प, दीप, धूप, चन्दन, कुमकुम आदि सामग्री से उनकी अर्चना की जाती है।

    Q: देव दीपावली के दिन क्या करते हैं?

    A: दीपों की रखवाली, पूजा, आरती, ध्यान, ध्यान की अभ्यास करते हैं।

    Q: क्या तुलसी विवाह और देव दिवाली एक ही हैं?

    A: नहीं, दोनों अलग-अलग त्योहार हैं।

    Q: देव दीपावली पर कितने दीए जलाए जाते हैं?

    A: देव दीपावली पर 1008 दीए जलाए जाते हैं।

    Q: काशी में देव दीपावली क्यों मनाई जाती है?

    A: काशी में देव दीपावली मनाने का मुख्य कारण है कि इस दिन काशी के घाटों पर गंगा नदी में ज्योतियों का आदयावसान होता है।

    Q: घर पर देव दिवाली कैसे मनाएं?

    A: दीपों की रखवाली, पूजा, आरती और ध्यान के बाद प्रसाद बांटें।

    Tags

    Post a Comment

    0 Comments
    * Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.