हम यह हमेशा चुनते आए है Mudrasphiti ( मुद्रास्फीति ) के बारे मे। लेकिन वास्तव में Mudrasphiti Kya Hei, कब और कयौ Mudrasphiti होते है तथा कौन से लोग मुद्रास्फीति के दोरान प्रबहित होते है इन चारे बातों को बिस्तार से और बहुत ही सरल भाषा मे आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे। तो आइए जानते है की भारत मे मुद्रास्फीति क्या होता है।
Mudrasphiti Kya Hei | सरल भाषा मे जानिए
मुद्रास्फीति को अंग्रेजी मे Inflation कहा जाता है। मुद्रास्फीति की मतलब साधारण तौर पे यह होते है की मुद्रास्फीति सामान्य कीमत स्तर पे बृद्धि दरसता है। अर्थात और भी सरल भाषा मे बोले तो यह एक ऐसा स्तर है जब बस्तुओ के दाम बढ़ता हे तथा मुद्रा की कीमत घटता है।
थोरा और बिस्तार मे बोला जाए तो जब बाजार में वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति ( Supply ) की अपेक्षा मांग ( Demand ) ज्यादा हो जाती है तो कीमत निरन्तर रूप से बढ़ती जाती है और मुद्रा का मूल्य घटता जाता है, और इसे ही मुद्रास्फीति कहा जाता है।
मुद्रास्फीति (Mudrasphiti) - आपके निवेशों का दुश्मन | Inflation - The Enemy of Your Investments
क्या मुद्रास्फीति वास्तव में हमारा दुश्मन है, अर्थात क्या मुद्रास्फीति हमारे निवेदन का दुश्मन है? तो दोस्तों आइए जानते हैं कि वास्तव में क्या मुद्रास्फीति हमारा दुश्मन है।
तो आइए जान लेते हैं मुद्रास्फीति के बारे में कुछ खास बातें जो आपको भी जानना जरूरी है -
सबसे पहले आप यह जानले की मुद्रास्फीति हमेशा बुरी नहीं होते हैं मुद्रास्फीति अच्छी भी होती है।
मुद्रास्फीति ब्यापार चक्र का एक भाग होता है।
आप यह भी जान ले की अस्थाई रूप से होने वाली, जैसे की आकाल तथा युद्ध के दोरान हेने वाली मूल्य वृद्धि को मुद्रास्फीति नहीं कहा जाता है। मुद्रास्फीति की स्थिति तब माना जाता है जाम मूल्य बृद्धि नियमित रूप से होते है।
जब मंडी होते है तब मंडी के दौरान मुद्रास्फीति में वृद्धि को उचित माना जाता है। इसीलिए हमने पहले ही बताया है कि मुद्रास्फीति हमेशा बुरी नहीं होती है मुद्रास्फीति अच्छी भी होती है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज हमने जाना की जब सामान्य कीमत स्तर मे निरंतर बृद्धि तथा दीर्घकालीन बृद्धि होती है तो उसे हम मुद्रास्फीति कहते है। मुद्रास्फीति का मतलब होते है बरती हुई किमाते, न की उची किमाते।